सरसों की फसल में जल्दी करें यह काम अधिक होगी पैदावार जानिए कैसे
सरसों की खेती में शुरुआत में कौन से काम ज्यादा फायदेमंद होते हैं रबी की प्रमुख फसलों में सरसों का भी अपना स्थान है। यह एक तिलहनी फसल है जिससे तेल निकाला जाता है। सरसों एवं इसके तेल का बाजार भाव अन्य फसलों से बेहतर है। ऐसे में अधिकतर किसान इसकी खेती करते हैं एक तरह से देखा जाए तो किसान सरसों की खेती से अच्छी कमाई कर सकते हैं इसके लिए बाज़ार पर नज़र रखना और कीमतों में उतार-चढ़ाव पर नज़र रखना ज़रूरी है ताकि इससे बेहतर मुनाफ़ा लिया जा सके।
जिन किसानों ने रबी सीजन में सरसों की फसल बोई है और वह फसल 10 से 20 दिन की हो गई है तो ऐसे समय में उसकी देखभाल और सुरक्षा करना जरूरी हो जाता है क्योंकि यही वह समय होता है जब सरसों की फसल पककर तैयार होती है फसल पर रोग एवं कीड़ों का आक्रमण हो जाता है तथा फसल को नुकसान होने की सम्भावना रहती है। ऐसे में यदि हम शुरुआत में ही सरसों की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों पर नियंत्रण के उपाय कर लें तो सरसों की फसल का बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
अंकुरण के बाद सरसों पर कौन सा कीट आक्रमण करता है
सरसों के अंकुरण के बाद सरसों की फसल में पेंटेड बग कीट का प्रकोप हो जाता है। यह कीट 7 से 10 दिन में पौधे की पत्तियों से रस चूसकर फसल को पूरी तरह नष्ट कर देता है। ऐसे में किसानों को अपनी फसलों को इस कीट से बचाने के उपाय करने चाहिए इसी प्रकार एक अन्य कीट आरा मक्खी कीट भी सरसों की फसल को नुकसान पहुंचाता है। इस कीट का लार्वा फसल को नुकसान पहुंचाता है तथा पौधे को पत्ती विहीन कर देता है। केवल डंठल ही शेष है। ऐसे में किसानों के लिए सरसों की फसल की शुरुआती अवस्था में निगरानी करना बहुत जरूरी है
पेंटेड बग और सॉफ्लाई को ऐसे नियंत्रित करना होगा
सरसों में चित्रित कीट एवं आरा मक्खी का प्रकोप अधिक होता है। ये कीट सरसों की फसल को काफी नुकसान पहुंचाते हैं इसके लिए किसान नीचे दिए गए कुछ उपाय अपना सकते हैं।
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सरसों में पेंटेड बग कीट एवं आरा मक्खी के नियंत्रण के लिए फसल के अवशेषों एवं खरपतवारों को बुआई से पहले खेत में नष्ट कर देना चाहिए।
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बीज को सदैव उपचारित करके ही बोना चाहिए।
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यदि पेंटेड बग एवं आरा मक्खी का प्रकोप अधिक हो तो इसकी रोकथाम के लिए सुबह एवं शाम के समय कीटनाशक रसायनों का छिड़काव करना चाहिए
किसानों को सरसों में कीट के लिए कौन से उपाय करने चाहिए
सरसों की फसल में कीट का प्रकोप होने पर किसान इसके नियंत्रण के लिए रासायनिक उपाय भी अपना सकते हैं कृषि विशेषज्ञों के अनुसार पेंटेड बग कीट के नियंत्रण के लिए थामोमेथाक्सम 30 एफएम 5.0 ग्राम या इमिडाक्लोपिड 48 एफएस का उपयोग करें 6.0 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीजोपचार करके बुआई करनी चाहिए पेंटेड बग एवं फ्लाई एगारिक कीड़ों की रोकथाम के लिए क्यूनालफॉस 1.5 प्रतिशत चूर्ण का 20-25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से सुबह या शाम के समय छिड़काव करना चाहिए
अन्य कीट सरसों की फसल में लगने वाले
सरसों की फसल में एफिड या माहू का प्रकोप भी होता है। यह हल्के भूरे या हरे रंग का 1.5-3.0 मिमी लंबा छोटा कीट है जिसके मुख भाग चुभने वाले और चूसने वाले होते हैं। इस कीट के युवा एवं वयस्क कीट पौधों के कोमल तनों, पत्तियों, फूलों एवं नई फलियों से रस चूसते हैं, जिससे न केवल वे कमजोर एवं क्षतिग्रस्त हो जाते हैं बल्कि रस चूसते समय पत्तियों पर भी रस स्रावित होता है। इस रस पर काले कवक का आक्रमण हो जाता है और प्रकाश संश्लेषण की क्रिया बाधित हो जाती है। इस कीट का प्रकोप दिसम्बर-जनवरी से मार्च तक रहता है।
एफिड्स या एफिड्स को नियंत्रित करने के लिए क्या करें
एफिड्स या एफिड्स पर नियंत्रण के लिए आप प्राकृतिक और रासायनिक दोनों उपाय अपना सकते हैं। एफिड्स को नियंत्रित करने के लिए अपनाई जाने वाली विधियाँ इस प्रकार हैं
- मोहू या चेपा कीटों के लिए प्राकृतिक शत्रुओं को संरक्षित किया जा सकता है जो उन्हें नष्ट कर सकते हैं।
- प्रारंभ में इस कीट से प्रभावित शाखाओं को तोड़कर जमीन में गाड़ दें।
- इसके अलावा आप इसके लिए रासायनिक उपाय भी अपना सकते हैं। इसमें जब फसल में कम से कम 10 प्रतिशत पौधे चेम्पा से प्रभावित हो तथा प्रति पौधा 26-28 चेम्पा हो तो एसिटामिप्रिड 20% एसपी 500 ग्राम या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल का प्रयोग करें। 150 मि.ली इसे 500 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से शाम के समय फसल पर छिड़काव करना चाहिए
- यदि कीट का प्रकोप दोबारा हो तो यह छिड़काव 15 दिन के अंतराल पर दोबारा दोहराया जा सकता है।
किसानों को उपाय की सलाह
किसी भी रासायनिक दवा का प्रयोग करने से पहले कृषि विभाग के अधिकारियों से दवा के संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए और दवा का छिड़काव किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही करना चाहिए. इसके अलावा दवा का छिड़काव करते समय अपने मुंह को अच्छी तरह से ढकें शरीर पर पूरे कपड़े पहनें हाथों में दस्ताने का प्रयोग करें और उसके बाद ही फसलों पर किसी भी रासायनिक दवा का छिड़काव करें।