इसमें पहला कारण है ई-केवाईसी, भू-सत्यापन या आधार को बैंक खाते से लिंक करवाने जैसे कामों को न करवाना शामिल है
उनका भी नाम योजना से हटाया जा सकता है और वो भी किस्त से वंचित रह जाएंगे, और लाभार्थियों की संख्या कम हो सकती है