Written By Usatak.com
Image Credit: Google
फली छेदक कीट चना एवं मटर की खेती को बहुत नुकसान पहुंचाता है
Scribbled Underline
अन्य कीट एवं रोग भी फसल को नष्ट कर देते हैं। समय रहते आवश्यक कीटनाशकों का छिड़काव करना चाहिए
Scribbled Underline
Scribbled Underline
फसल को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए समय रहते फसल के लक्षणों की पहचान करना जरूरी है. कीड़ों को भी देखते
Scribbled Underline
Scribbled Underline
सर्दी के मौसम में चना और मटर की फसल होने पर किसानों को अधिक रख-रखाव करना पड़ता है
Scribbled Underline
Scribbled Underline
इस मौसम में फसलें कीटों और बीमारियों की चपेट में आ जाती हैं
Scribbled Underline
Scribbled Underline
विशेषज्ञों का कहना है कि फसल को कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए समय रहते फसल के लक्षणों की पहचान करना जरूरी है
Scribbled Underline
Scribbled Underline
अगर किसान सर्दी के मौसम में इसकी खेती करें तो उन्हें अच्छी पैदावार मिल सकती है
Scribbled Underline
Scribbled Underline
इसकी खेती हल्की से भारी मिट्टी में की जाती है चने में कई प्रकार के रोग एवं कीट लगते हैं
Scribbled Underline
Scribbled Underline
इसकी रोकथाम के लिए सल्फर 80 WAP का 2.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करना चाहिए
Scribbled Underline
Scribbled Underline
विशेषज्ञों का कहना है कि एक बार जब फली छेदक या पाउडरी मिल्ड्यू जैसे कीट तेजी से हमला करते हैं
Scribbled Underline
Scribbled Underline
यदि औसत तापमान 10 से 18 डिग्री सेल्सियस हो तो फसल की अच्छी वृद्धि होती है
Scribbled Underline