Written By Usatak.com
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भनवापुर सरकार और प्रशासन के दावों के बावजूद गन्ना किसानों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं
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चीनी मिल द्वारा पिछले वर्ष का 72 लाख रुपये का बकाया भुगतान नहीं किया गया
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किसानों का कहना है कि समय पर भुगतान नहीं होने से उन्हें गन्ने की खेती में आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है
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गन्ना एकमात्र ऐसी फसल है जिसे किसान चीनी मिलों को उधार पर देने के लिए मजबूर हैं
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बच्चों की पढ़ाई के लिए फीस का इंतजाम करने में दिक्कत आ रही है
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सरकार की बार-बार चेतावनी के बावजूद चीनी मिल प्रबंधन
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गन्ना किसानों को समय पर बकाया भुगतान नहीं हो रहा है किसानों को कोई न कोई नया बहाना बनाकर लौटा दिया जाता है।
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पिछले वर्ष बाढ़ में धान की फसल बर्बाद हो गयी थी जिसका मुआवजा आज तक नहीं मिला है
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गन्ना किसानों की समस्या कोई नहीं समझता उम्मीद थी कि गन्ने का पैसा मिल जायेगा तो सारा काम हो जायेगा
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चीनी मिल प्रबंधन ने कार्ययोजना बनाकर 15 जनवरी 2024 तक भुगतान करने को कहा है
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